हमारी पहचान है टाई


                    हमारी पहचान है टाई

हम टाई क्यू पहनते हैं? ताकि इस भिड भाड़ मे हम कुछ अलग दिखे, टाई पहनने से हमारी खूबसूरती और ज्यदा बढ़ जाती हैं. अगर आप टाई  लगा कर घर से निकालो गे तो लोगो को देखने का नजरिया बदल जाता है. इस टाई से आपको एक अलग पहचान मिलती है.


लेकिन आजकल देखने को मिलता है 95% लोग टाई नही पहनते है, सिर्फ मीटिंग या उनके बोस आये तब ही टाई पहनते है? 

और टाई नही रेगुलर पहनने मे सबसे ज्यदा उनके बॉस का योग दान होता हैं. क्यू की कई बार देखा गया हैं की उनके बॉस ही टाई नही पहनते तो, वो अपने टीम को ये सवाल पूछ ही नही सकते? 

इसलिए अपने व्यक्तित्व और काम के समय टाई जरूर पहने. 

आप टाई मे एक professional दिखाई देते है. कोई पहने या ना पहने लेकिन आप जरूर टाई पहने, क्यू की आपकी पहचान टाई और बैग है.

वर्किंग वीमेन /WORKING WOMEN

                                                      वर्किंग वीमेन /WORKING WOMEN

आज देश की महिलाएं अपने पैर पर खड़ा होना चाहती है।  उनको लगता है की वो खुद कमाए  और घर की फाइनेंसियल जरुरत में अपने पति के बोझ को कुछ हल्का करे। और कभी किसी जरुरत के समय किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। लेकिन ये सभी महिला जानती है की कामकाजी महिलाओ की दिक्कत और सामना क्या क्या करना पड़ता है। इन महिलाओ को घर परिवार की काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जब वो काम पर निकलती है। 

आज इन वर्किंग वीमेन की समस्या को समझते है क्या क्या परेशानिया झेलनी पड़ती है। .. 

आज  ये कितना भी कमा ले , लेकिन उनके घर के काम जैसे घर की साफ सफाई , खाना बनाना ,परिवार की देखभाल सब  महिलाओ को करना पड़ता है। लेकिन घर के मर्द इन कामो में जरा सी भी उनकी मदत नहीं करते! मदत तो दूर उल्टा ताने  मरते है। ऐसी काम काजी महिलाओ को दोहरा काम का दबाब बना रहता है जिससे वो थक जाती है। 

जिन महिलाओ के बच्चे होते है ऐसे में उनको  घर संभालना  नौकरी करना काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्यों की छोटे बच्चे की देखभाल में उनको समय भी देना पड़ता है , अगर ऐसे में मर्द जरा सा इनकी मदत कर दे तो काफी आसान हो जाता है , लेकिन मर्द तो मर्द है भला वो क्यों करे!

इसके साथ महिलाओ को ऑफिस या मार्किट में भी काम का दवाब बना रहता है , ऐसे में पुरष  सहकर्मी लोगो के कॉमेंट की महिलाये ठीक से काम नहीं करती है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

अगर घर की औरत पति से  ज्यादा कमाने लगे तो पति को आत्मसमान को ठेस पहुँचती है और उसे पत्नी  नौकरी करना अच्छा नहीं लगता। जब की पति को खुश होना चाहिए की उनकी पत्नी की क़ाबलियत पर न की पैसे पर ?

कई बार तो महिलाओ को ससुराल में नौकरी के लिए परमिशन /अनुमति लेनी पड़ती है, और अगर अनुमति मिल गयी तो हमेशा ताने  सहना पड़ता है की दिन भर घर से बहार रहती है इसको नौकरी का घमंड हो गया है। 

एक नौकरी करनी वाली औरत को मालूम होता है की क्या क्या सहन करना पड़ता है जब वो नौकरी करती है।  और नौकरी शौक से नहीं बल्कि जिमीदारी से करती है ताकि उनकी परिवार की जरुरत को पूरा कर सके।  

इसलिए  ऐसे मानशिकता वाले पति जरा अपनी पत्नी पर ध्यान दे की वो कितना  कष्ट झेलती  है घर को चलने में।  एक औरत क्या क्या रोले प्ले करती है  कभी बेटी,  एक माँ का रोल, तो कभी एक पत्नी रोल, तो काम पर एक वर्कर का रोले, सबकी बाते  सुनती है फिर भी मुस्कराते हुए अपने दर्द को छुपाये सभी काम करती है और सबका ख्याल  रखती है चाहे वो माँ,बेटा ,बेटी,पति, सास ससुर , मित्र , भाई सबका ख्याल रखती है। लेकिन अपना दुःख दर्द किसी को नहीं कहती ।  इसलिए जरा इन वीमेन को भी हर पति का फ़र्ज़ बनता है की उनका ख्याल रखे , उन्हें भी कही बाहेर घूमने ले जाये वीकेंड पर, ताकि एक खुशहाल ज़िन्दगी बानी रहे। 

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नो विज़न , नो सक्सेस

                                             नो विज़न , नो सक्सेस 

 आज  मुझे भी  इस फार्मा फील्ड में २१ वर्ष  हो गए , लेकिन जब भी फील्ड में जाता हु तो मुझे हमेश नए चेहरे दिखते है ! जो हमारे समय के मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव थे वो कुछ लोग प्रमोशन लेकर मैनेजर हो गए  और कई लोगो ने फील्ड को राम राम कर दिया !

मुझे सिर्फ इतना बोलना है हमारे साथियो और नए जो भी इस फील्ड में ज्वाइन किये  है , हमारा फार्मा फील्ड बहुत अच्छा है सिर्फ लगन और मेहनत से काम किया तो सक्सेस / सफलता आपके कदम को चूमेगी। 

अगर आप लोग एक  विज़न लेकर चलोगे की मुझे जिंदगी में इस मुकाम  तक पहुंचना है तभी आप सफल हो सकते हो , हमेशा ओपन माइंड रखो , कुछ करने की जिद्द रखो तब जाकर आप सफल हो सकते है।  मै  कई लोगो से बात करता हु तो उनका अनुभव शेयर कर रहा हु , जैसे कुछ लोगो  की सोच  बस  महीने का २००००-२५००० रूपए मिल जाए शाम को  आराम से फॅमिली के साथ घर पर रहु ! और कुछ लोग कहते है मुझे भी रीजनल मैनेजर / जोनल मैनेजर / प्रोडक्ट मैनेजर बनाना है।  

दोस्तों आज सिर्फ आप मेडिकल रिप्रसेन्टेटिव  बन के कितने  दिन तक काम करोगे ४-६  साल ? कल को आपकी भी फॅमिली की अपेक्षा / उमींद होगी की मेरे पति /मेरा पिता / मेरी पत्नी  / मेरी माँ  मैनेजर बने ? क्यों की हर कोई चाहता है लाइफ में आगे बढ़े ! कई बार आपने देखा होगा की आपके जूनियर्स मैनेजर बन जाते है ? आप ३५ साल के होते है और  आपका मैनेजर ३०  साल का होता है ? ऐसा क्यों होता है कभी आपने  सोचा ? क्यों की वो मैनेजर फॅमिली और फ्रेंड्स से सैक्रिफाइस करता है तब जाकर वो उस मुकाम तक पहुँचता है। 

सके लिए अगर कुछ करना है तो ,थोड़ी आपको  मेहनत , सैक्रिफाइस , क्नोलज  अपडेट  और ओपन  माइंड रखना पड़ेगा। 

क्यों की लाइफ में कब आपको ओप्पोर्तुनिटी / संधि मिल जाए  आप को पता भी नहीं चलेगा , और तब शायद आप  तैयार ना हो ?

इसलिए पहले आप खुद  को तैयार कीजिए और अपना विज़न बनाए , की आपको करना क्या है... 

१ खुद का एक घर हो 

२ बच्चो की शिक्षा अच्छी स्कूल/कॉलेज हो 

३ बैंक बैलेंस अच्छी हो 

४  सोसाइटी में आपकी इज़ाज़त , मान सम्मान हो 

इसके लिए  करे..?

१  खुद का क्नोलज अपडेट करे गूगल मदत से / दोस्त से  डिस्कशन करे  

२  इम्प्रूव कम्युनिकेशन स्किल 

३ आपके कस्टमर ( डॉक्टर /केमिस्ट ) से अच्छा रेपो / रिलेशन बनाए 

४ टार्गेट बनाओ की कब आपको क्या करना है , उस टारगेट के लिए आज ही शुरू करो काम 

५  अगर आपको ओप्पोर्तुनिटी दूसरे शहर / जिला में मिले तो तैयार रहे जाने को 

६ टाइम का परफेक्ट रहो  

७ कमिटमेंट बनो 

८ हेल्प लेने में  न शर्माओ / क्वेश्चन पुच्छने में न शर्माओ 

९ दोस्ती हमेशा पोसेटिव /सकारात्मक सोच वाले  करे , नेगेटिव लोगो से दूर रहे 

१० सोशल मीडिया से दूर रहे ( और अच्छी सेहत रखे )



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