वर्किंग वीमेन /WORKING WOMEN

                                                      वर्किंग वीमेन /WORKING WOMEN

आज देश की महिलाएं अपने पैर पर खड़ा होना चाहती है।  उनको लगता है की वो खुद कमाए  और घर की फाइनेंसियल जरुरत में अपने पति के बोझ को कुछ हल्का करे। और कभी किसी जरुरत के समय किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। लेकिन ये सभी महिला जानती है की कामकाजी महिलाओ की दिक्कत और सामना क्या क्या करना पड़ता है। इन महिलाओ को घर परिवार की काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जब वो काम पर निकलती है। 

आज इन वर्किंग वीमेन की समस्या को समझते है क्या क्या परेशानिया झेलनी पड़ती है। .. 

आज  ये कितना भी कमा ले , लेकिन उनके घर के काम जैसे घर की साफ सफाई , खाना बनाना ,परिवार की देखभाल सब  महिलाओ को करना पड़ता है। लेकिन घर के मर्द इन कामो में जरा सी भी उनकी मदत नहीं करते! मदत तो दूर उल्टा ताने  मरते है। ऐसी काम काजी महिलाओ को दोहरा काम का दबाब बना रहता है जिससे वो थक जाती है। 

जिन महिलाओ के बच्चे होते है ऐसे में उनको  घर संभालना  नौकरी करना काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्यों की छोटे बच्चे की देखभाल में उनको समय भी देना पड़ता है , अगर ऐसे में मर्द जरा सा इनकी मदत कर दे तो काफी आसान हो जाता है , लेकिन मर्द तो मर्द है भला वो क्यों करे!

इसके साथ महिलाओ को ऑफिस या मार्किट में भी काम का दवाब बना रहता है , ऐसे में पुरष  सहकर्मी लोगो के कॉमेंट की महिलाये ठीक से काम नहीं करती है तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

अगर घर की औरत पति से  ज्यादा कमाने लगे तो पति को आत्मसमान को ठेस पहुँचती है और उसे पत्नी  नौकरी करना अच्छा नहीं लगता। जब की पति को खुश होना चाहिए की उनकी पत्नी की क़ाबलियत पर न की पैसे पर ?

कई बार तो महिलाओ को ससुराल में नौकरी के लिए परमिशन /अनुमति लेनी पड़ती है, और अगर अनुमति मिल गयी तो हमेशा ताने  सहना पड़ता है की दिन भर घर से बहार रहती है इसको नौकरी का घमंड हो गया है। 

एक नौकरी करनी वाली औरत को मालूम होता है की क्या क्या सहन करना पड़ता है जब वो नौकरी करती है।  और नौकरी शौक से नहीं बल्कि जिमीदारी से करती है ताकि उनकी परिवार की जरुरत को पूरा कर सके।  

इसलिए  ऐसे मानशिकता वाले पति जरा अपनी पत्नी पर ध्यान दे की वो कितना  कष्ट झेलती  है घर को चलने में।  एक औरत क्या क्या रोले प्ले करती है  कभी बेटी,  एक माँ का रोल, तो कभी एक पत्नी रोल, तो काम पर एक वर्कर का रोले, सबकी बाते  सुनती है फिर भी मुस्कराते हुए अपने दर्द को छुपाये सभी काम करती है और सबका ख्याल  रखती है चाहे वो माँ,बेटा ,बेटी,पति, सास ससुर , मित्र , भाई सबका ख्याल रखती है। लेकिन अपना दुःख दर्द किसी को नहीं कहती ।  इसलिए जरा इन वीमेन को भी हर पति का फ़र्ज़ बनता है की उनका ख्याल रखे , उन्हें भी कही बाहेर घूमने ले जाये वीकेंड पर, ताकि एक खुशहाल ज़िन्दगी बानी रहे। 

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