मजदूर और महाराष्ट्र दिवस


हर साल 1 मई के दिन महाराष्ट्र के लोग अपने राज्य में महाराष्ट्र दिवस मनाते हैं. इस दिन साल 1960 में महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई थी और इस राज्य को भारत देश के एक राज्य के रूप में पहचान मिली थी.


महाराष्ट्र दिवस के दिन को खास बनाने के लिए यहां की राज्य सरकार द्वारा  कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं. इस दिन को विशेष बनाने के लिए राज्य सरकार कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें मराठी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इसके अलावा इस दिन राज्य सरकार द्वारा एक परेड भी निकाली जाती है. लेकिन इस साल कोरोना की वजह से फीका पड़ जाएगा। और आज ही के दिन पूरा विश्व मजदूर दिवस भी मनाता है। 

आज देश में सबसे ज्यादा अगर कोई  प्रभावित  है तो वो है मजदूर लोग क्यों की आज लॉक डाउन की वजह से ज्यादा से ज्यादा फैक्टरी ,उध्योग धंधे बंद पड़े हुए है. आज  जरुरत है  सरकार को  इन लोगो के  रोजगार का प्रबंध करे।  मजदूर का मतलब ये नहीं की वो एक गरीब व्यक्ति बल्की वो भी कर्मचारी जो किसी संस्था में काम करता है , और उसके लिए उसे पैसा मिलता है वो भी  मजदूर है। मजदूर दिवस को पहली बार भारत में मद्रास  में 1 मई 1923 को मनाया गया था, इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदूस्तान ने की थी. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था इस बार दोनों त्यौहार महारष्ट्र दिवस एवम मजदूर दिवस हम लोग इकट्ठे नहीं माना पाएंगे क्यों की कोरोना का खतरा ज्यादा है. इस लिए घर पे रहे स्वस्थ रहे। 
जय हिंद 

रोमांटिक लाइफ़/Romantic Life

आज के समय भाग दौड़ की ज़िन्दगी में हम इतने व्यस्त रहते थे की हमारे पास अपनो के लिए समय नहीं था।  घर पर हमारे माता पिता भैया बेटा बेटी और पत्नी/पति के लिए समय नहीं था। हमेशा इनकी शिकायत  थी की तुम घर पर कभी चैन से बैठते नहीं और हमें समय भी नहीं देते !कोरोना के इस संकट काल में आप उनकी ये शिकायत दूर कर रहे  हो.. .
लेकिन, घर में हर समय सभी सदस्यों की मौजूदगी हम सभी का प्राइवेट स्पेस ख़त्म कर रहा  है. इसका सीधा असर लोगों की रोमांटिक लाइफ़ पर पड़ रहा है. बहुत से लोग ऐसे भी है जो मौज-मस्ती और प्यार के कुछ पल साथ बिताने के लिए बाहर जाया करते थे. पार्टी करते थे. ऐसे लोगों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. अब संकट के इस काल में रिश्तों की अहमियत  कैसे बरक़रार रखी जाए? ये भी एक बड़ा सवाल है ? लॉक  डाउन में  अपने आप को सम्भालिये क्यों की सिर्फ कुछ ही दिनों की  बात है , अगर आपने  कंट्रोल नहीं किया तो आपके पति - पत्नी के रिश्ते में दरार आ जाएँगी?अगर आप अपने पार्टनर से दूर रहे तो... 
रोमेंटिक रिलेशनशिप वालों पर इसका और भी गहरा असर पड़ता है. उनका एक दूसरे से दूर रहना तो और भी मुश्किल है.इसीलिए लॉकडाउन जैसी पाबंदियां हटने के बाद हम कैसे अपना जीवन आगे बढ़ाएंगे उसके लिए हम अभी से ख़ुद को तैयार कर लें चाहिए .जहां तक हो सके झगड़ों को अपने जीवन से दूर ही रखें. कोशिश यही करें कि एक दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय हंसी-खुशी बिताएं.

लेकिन रिश्ते मज़बूत रखने के लिए उनमें थोड़ी दूरी बनी रहे तो बेहतर है. उम्मीद है ये लॉक डाउन के दिन जल्दी गुजर जायेंगे और फिर से आपके जीवन में रोमांटिक दौर शुरू हो जाएंगे। 
"हम कई रिशतों को टूटने से बचा सकते हैं
केवल अपनी सोच में यह छोटा सा बदलाव करके,
कि सामने वाला गलत नहीं है,
सिर्फ हमारी उम्मीद से थोङा अलग है"

स्वस्थ रहे मस्त रहे ! उम्मीद है आपकी रोमांटिक लाइफ अच्छी रहे और सदा जवान रहे. 



डाकिया / Post Man

मित्रो आज देश के उन सेवाकर्मीयो के बारे  में लिख रहा हु जो आज के डिजिटल ज़माने में वो नाम खो गया है ... वे है डाकिया......  जी हा  डाकिया ये वही लोग है जो डिजिटल क्रान्ति आने के  बाद  उनका नाम गुम सा हो गया है ...
ये वो लोग है जो SMS,EMAIL & SOCIAL MEDIA  WHATSAPP आने से  हम उन्हें  भुल गए है।   आज भी  मुझे याद  है जब हमारे गांव में साइकल की घंटी बजाते हुए   डाकिया आता था , तब हम घर से खुद पे  खुद बहार आकर उनसे पूछते थे की हमारा कोई खत आया है क्या..? डाकिया डाक लाया', फिल्‍म 'पलकों की छांव में' का ये गीत जब गुलज़ार साहेब  ने लिखा होगा तो जरूर चिट्ठी-पत्री का जमाना होगा और उनकी सच्ची सेवा की वजह से ये प्यारा सा गीत लिखे । 
डाकिया ही आज हमारे देश के हर  कोने में जैसे  की शहर ,गली ,मुहल्ले यहातक गांव के दूर दराज इलाके कसबे में  अगर कोई जाता है तो वह  है डाकिया। 
आज यह डाकिया भी किसी योद्धा से काम नहीं है ,जहा एक तरफ देश में  कोरोना की वजह से लॉक डाउन है तो सभी चीजे ट्रांसपोर्टेशन कुरियर बंद है  और बंद होने के कारण आज कई ऐसे अतिआवश्यक वस्तु है  ( Medicine/surgical kits/diagnostic material /parcel/Dr requirement materials ) का डिलीवरी आज हमें डाकिया ही दे रहा  है  आज हम उन डाकियो को सलाम करते है जो आज पुलिस/डॉक्टर्स/नर्सेस /पारा मेडिकल स्टाफ/  सफाईकर्मी के बाद यह  भी एक हमारे योद्धा जैसे  है जो अपनी ड्यूटी लॉक डाउन में बखूबी निभा रहे है। 
भारतीय पोस्ट ऑफिस सिर्फ चिट्टी, लेटर ,पार्सल के अलावा बैंकिंग भी करती है जैस मनी आर्डर  आज  यह डाकिया है जो लोगो के  घर घर जाकर उनको उनके  पैसे पहुंचाते है। 
जय हिंद। 

DIGITAL MARKETING

प्रिय मित्रो एवम देश के नवजवानो 
आज पुरे देश में कोरोना जैसी महामारी के   संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है ! और उसमे हम जैसे लोग भी अपने घरो में बंद है क्यों की पुरे देश में लॉक डाउन है.. अगर कुछ जरुरी सामान के लिए बाजार जाना भी है तो खुद  को मास्क से चेहरा ढांक कर और हैंड ग्लोव  पहन कर जा सकते  है और महत्वपूर्ण बात इसमें हमें सोसियल डिस्टन्सिंग बनाकर ही उस दुकान में खड़ा रह सकते है ,  ये है आज की तस्वीर 


ये सोसियल डिस्टेंसिंग खुद के लिए बनाना है  ताकि आपको कोरोना न हो। आज के युग में सब ऑनलाइन हो गया है। इंटरनेट ने हमारे जीवन को बेहतर बनाया है और हम इसके माध्यम से कई सुविधाओं का आनंद केवल फ़ोन या लैपटॉप के ज़रिये ले सकते है।
सिर्फ जरुरत है तो खुद को बदलने की... क्यों की आज भी हम उस पुराणी सोच में है...लेकिन आज समय की मांग है डिजिटल मार्केटिंग।  इस में दोनों को फायदा है दुकानदार और ग्राहक। ..दुकानदार खुद का सामान ऑनलाइन बेच सकता है और ग्राहक घर बैठे सामान पा  सकता है ऑनलाइन शॉपिंग, टिकट बुकिंग, रिचार्ज, बिल पेमेंट, ऑनलाइन ट्रांसक्शन्स आदि जैसे कई काम हम इंटरनेट के ज़रिये कर रहे है । अब सिर्फ आपको बाकी के व्यापर को डिजिटल मार्केटिंग में लेन की जरुरत है। जैसे स्कूल और कोचिंग क्लासेस ऑनलाइन क्लास ले सकते है  हॉस्पिटल क्लिनिक ऑनलाइन वाया वीडियो कॉल भी अपनेडॉक्टर्स से मरीज   परामर्श कर सकते है और ऑनलाइन डॉक्टर्स की फीस भी  पेमेंट वाया गूगल पे /फ़ोन पे कर सकते है।                                                           अब   खुद को बदलने की जरुरत है जैसे... की ये देखिये कैसे समय के साथ बदलते गया। 


 दुकानदार और ग्राहक के बिच में इ कोर्मेर्स ( eCommerce ) आपकी मदत करेगा। 
इस में छोटे ब्यापारी (दुकनदार ) होम डिलीवरी बॉय रख कर आपने दुकान के नज़दीक एरिया में सर्विस ( सेवा ) दे सकते है और ग्राहक  पेमेंट होम डिलीवरी पर भी दे सकते है।  और आप सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर  सकते है।  

जय हिन्द 
आपका 
राजन यादव 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान

हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और पुरुष-प्रधान देश है।
आज जहाँ महिलाओ  को सम्मान दिया जाता है वहाँ साक्षात् देवी लक्ष्मी  निवास करती  हैं ऐसा  हमारे पूर्वज बुद्धिजीवी लोगो ने कहा है। जिस घर में स्त्री /महिला खुश होती है उस घर में साक्षात देवी रहती है।   आज हम बात करेगे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान” की हमें जरुरत क्यों पड़ी, ऐसा क्या हुआ होगा कि भारत जैसे देश  में दिन-प्रतिदिन बेटियों की स्थिति खराब होती जा रही हैं, उनके साथ उन्हीं के जन्मदाता भेदभाव कर रहे हैं। वह सोचते हैं कि बेटियां तो पराई-धन होती हैं उनकी कैसे भी जल्दी से जल्दी शादी करा दो और उनको पढ़ाने-लिखाने का कोई फायदा नहीं होगा।

लेकिन आज भी हर पुरुष को एक  जीवनसाथी चाहिए, गर्लफ्रेंड चाहिए, माँ चाहिए ,बहन चाहिए.... फिर घर में बेटी क्यों नहीं...? क्यों ऐसी घटिया सोच अपनी दिमाग में  रखे है...! आज हमारे देश का जन्म अनुपात  900 लड़की   है  जहा  1000  लड़का  जन्म लेते है   ये  2013-2015 के अकड़े है .देश में लगातार घटती कन्या शिशु-दर को संतुलित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी। किसी भी देश के लिए मानवीय संसाधन के रुप में स्त्री और पुरुष दोनों एक समान रुप से महत्वपूर्ण होते है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ केवल एक योजना या अभियान नहीं है। यह लोगो की सोच से जुड़ा सामाजिक विषय है। हमें इसके पीछे छिपी लोगों की गलत  सोच को बदलना है, जो कि कठीन कार्य है। ईश्वर के बाद केवल महिलाओं के पास सृजन की क्षमता है।

जरा सोचिये की इस देश में महिलाये न होती तो..  माजरा कैसा  होता ? केवल कल्पना करने की जरूरत है। तस्वीर खुद-ब-खुद साफ हो जायेगी ऐसा कोई काम नहीं, जो लड़कियां नहीं कर सकती। वो भी देश की प्रगति में समान रुप से भागीदार है। इंदिरा गांधी से लेकर कल्पना चावला तक ऐसे लाखों नाम हैं, जिन्होने देश का नाम रौशन किया है।

आज हमारे देश में। ..... 
१ पुरुष की तुलना में महिलाये/ लड़किया ज्यादा ईमानदार होती है 
२ शिक्षा के क्षेत्र में लड़किया ज्यादा नाम कर रही है 
३ आज भारत की लड़किया खेलो में भी  अपना जलवा दिखा रही है 

इसलिए मै  सभी देश के पुरुषो से आग्रह करता हु  की घर में बेटी हो या बेटा दोनों को एक सामान देखे और और जितना उम्मीद आप बेटो पर करते है उससे ज्यादा  उम्मीद  बेटी पर कर के देखिये .... क्यों की रोज रोज आप सुनते होंगे नए नए ओल्डऐज  होम ( वृद्धा आश्रम )  खुल रहे है क्यों की ये वही बेटा   है जिसके लिए आप बेटी को इस धरती पर नहीं आने दिया ! जरा सोच को बदलिये बेटी है तो सुन्दर धरती है। 

जय हिन्द 

आपका
 राजन यादव 

SELF INTRODUCTION

Dear Friends
My self Introduction is like that My Self  Rajan Yadav. I am  43 Years Old and Approximately 20 Year in Pharma  field Experiences .
I m Born in Bhojpur District  Bihar,   I spent  my Childhood in Jharkhand. I completed 12th  study in Daltongaj Jharkhand, Than Moved to  Shrimushnam , S A V District Tamilnadu for study D.Pharmacy.




 After completing Pharmacy  Again I Come back to Daltonganj  jharkahnd and completed here my Graduation Bsc (Botany) GLA Collage Daltonganj

April 2002 I  came to Maharashtra  and Joined as a  Medical Representative Hq kolhapur  and as Medical Rep..i  worked till 31st March 2006 And after
April 2006 i m joined as a Area Business Manager and internally promoted DRM/RBM/Sr RBM Till 2017. In the Year 2018 i  m promoted  as Business Head  and looking Two Division in Pharma company Rest of MH,Goa,CG.

Still i  m working in Pharma sector, becz i love the sales marketing job .my passion is traveling.





All the best


महुआ


आज मै आपको एक ऐसी  चीज के बारे में बताऊंगा... जिसका नाम सुनकर लोगो के मन में एक अलग ख्याल आता है और सोचने और देखने का  नजरिया ही बदल जाता है... जिसका नाम है महुआ...! जी हा  महुआ जो की मध्य और उतर भारत में  पाया  जाता  है.  ज्यादातर इसके  पेड़ जंगलो में पाया  जाता  है ,कुछ लोग इसे अपने घर के पास खेत - खलिहान में लगाते है ताकी इसका फल भी मिले और इसके पत्ते से छाव भी  मिल सके।












अब आप  तो समझ  ही गए होंगे की मै किस चीज़ की बात कर रहा हु... महुआ... जिसका नाम सुनकर ज्यादार लोग यही सोचते है कि महुआ दारु। .. लेकिन आज मै उनको बताना चाहता हु की महुआ एक ऐसा  पेड़ है कि  जिससे कई गरीब लोगो का घर चलता है जो कुछ महीनो का उनका कमाने का जरिया होता है।  लेकिन महुआ के पेड़ जो की ये खुद से अपने आप जंगलो में निकल/उग  जाते  है.. महुआ एक ऐसा पेड़ है जो काफी लाभदायक पेड़ है सर्व गुण  सम्पन पेड़ है महुआ.... आज तक ज्यादातर लोग महुआ से दारू बनता है यही सोचते है...! लेकिन मै आज आपको बताता हु की महुआ के कई फायदे है... ये एक औषधीय वृक्ष है जिसके  पेड़ के  सभी चीज काफी फायदे मंद है.. जैसे महुआ के पेड़, फल,फूल,पत्ते,महुआ के छाल बहुत ही औषधीय गुण है।

महुआ में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी  जैसे विटामिन सी /ए /कैल्शियम/फॉस्फोरस पाए जाते है। महुआ के छाल जो की एक एनाल्जेसिक प्रॉपर्टी है आपके जॉइंट पेन ( जोड़ो का दर्द में) उसका छाल पीसकर लेप लगाने से  आपके जोड़ो का दर्द काफी काम होता है। महुआ के  आयुर्वेदिक या घरेलु उपयोग है जैसे की पेट के जंतु बाहर निकालना  और रेस्प्रेटरी इन्फेक्शन में काफी उपयोगी  होता है। चर्म  रोग में  भी काफी उपयोगी है। महुआ के पतो  को गरम कर के एक्जिमा के ऊप्पर चिपका देने से ये एक्जिमा कम होने में काफी मदत मिलती है।
आज भी ग्रामीण भाग में महुआ की  रोटी बनती है, कुछ लोग  महुआ के फूल को उबाल कर खाते  है।  कई परिवार का यह  महुआ रोजी रोटी है।
अगर आप चाहे तो महुआ की बागवानी/खेती कर के  अपना आय/इनकम बढ़ा  सकते है..
ये है सुखी महुआ के तस्वीर 

एक महुआ के पेड़ / वृक्ष से औसतन २० से २०० किलोग्राम महुआ के बीया (बीज) मिलते है जो की  तेल निकालने के काम आता  है... और महुआ के फूल  वर्ष में  तकरीबन १ ० से १ ०० किलोग्राम  मिलते  है। और  महुआ के फूल से देशी शराब और हर्बल / आयुर्वेदिक औषधी बनाने के काम आता है ,इस महुऐ के  पेड़ की  लकड़ियाँ का फर्नीचर बहुत ही मजबूत बनता है. तो है ना यह  काफी काम का और पैसे देने वाला वृक्ष   ? अगर आप चाहे तो अपने खेत में महुएँ  का पेड़ लगाए और अपने  गांव का पर्यावरण  अच्छा बनाए और खुद की एक्स्ट्रा इनकम का जरिया बना सकते है।  इस पेड़ को सिर्फ लगाने और कुछ दिनों तक जानवरो से बचा कर रखना है... जैसे ही ये पेड़ बड़ा हो जाये फिर आपको बेफिक्र होकर रहना है... यह  वृक्ष आपको फायदा ही फायदा देगा. बिना खर्च किए   सिर्फ थोड़ी सी मेहनत से इस पेड़ से आप अपना कमाने का जरिया बना सकते है.


# पेड़ लगाए ,और पर्यावरण को सुंदर बनाए।



जय हिन्द ,जय भारत 




Discovering Barwadih

Discovering Barwadih

 बरवाडीह 
आज मैं  दो शब्द अपने  बरवाडीह पर ब्लॉग लिख रहा हु उम्मीद है आप सभी लोगो को पसंद आएगा।  वो भी क्या समय था... जब हमारा आपका बचपन बरवाडीह की इस पावन धरती पर गुजरा... और आज भी वही खुशबु आती  है इस बरवाडीह के पवन धरती पर।  daltonganj to barwadih distance 27km   बरवाडीह  प्रखंड लातेहार जिला के अंतर्गत आता है.
                                        भारत के नक़्शे पर अगर आप देखेंगे बरवाडीह तो बिलकुल छोटा सा दिखे गा ! लेकिन बरवाडीह के युवा आज हर क्षेत्र में बरवाडीह का नाम ऊचा  कर रहे है.. मुझे गर्व है आपने इस पावन बरवाडीह के धरती पर जो हमने जन्म लिया ।barwadih pin code 822111


बरवाडीह की एक अपनी ही पहचान है आपसी भाई चारा यहाँ सभी धर्म के लोग रहते है हिन्दू,मुस्लिम,सिख  और ईसाई समुदाय के लोग।  और यहाँ की खासियत ऐसी है की हम सभी लोग आपसी भाईचारा के साथ रहते है. क्या होली,दशहरा ,ईद ,मुहर्रम दीवाली और सरहुल और क्रिसमस आपस में मिलजुल  कर मनाते  है। बरवाडीह ब्लॉक की कुल जनसंख्या तकरीबन ८० हजार है. और यहाँ की मुख्य भाषा हिंदी और संथाली बोली जाती है।  बरवाडीह ब्लॉक से राज्य की राजधानी रांची की दुरी तकरीबन १५७ किलोमीटर है।  बरवाडीह से रेल और बस यातायात की सुविधा काफी अच्छी  है  आज भी मुझे याद है वो पहाड़ी पर श्री हनुमान जी का मंदिर और निचे शिव जी का मंदिर काफी फेमस है. 

 
बरवाडीह के प्रमुख चौक विवेकानद चौक/ नेताजी सुभास चौक subhash chowk barwadih /बाबा चौक/भगत सिंह चौक/बस स्टैंड काफी फेमस है।  बरवाडीह में हमेशा साप्ताहिक बाजार आज भी शुक्रवार को लगता है... बरवाडीह बाजार से मुख्य रूप से जुड़े हुए है जैसे  रेलवे कॉलोनी ,बभनडीह, गढ़वाताड ,खुरा ,छेंचा ,हुटार कोलावरी /मंडल /बेतला  ये सब भाग जुड़े है। बरवाडीह में शिक्षा के लिए काफी अच्छे अच्छे प्राइवेट और सरकारी  स्कूल है।  आज भी बरवाडीह के छात्र हायर एजुकेशन के लिए  डालटनगंज (मेदनीनगर ) को सुबह की ट्रैन से यात्रा करते है और दोपहर बाद वापिस आते है... वो भी एक अनोखी एकता है बरवाडीह के छात्रों  का जो रोज एक साथ ट्रैन में सफर करते है और सभी लोग आपस में  दुःख बाटते /मदत करते है. सभी क्षेत्र में बरवाडीह ने काफी नाम किया... आज बरवाडीह के विद्यार्थी  देश -विदेश में काफी नाम कर रहे है.  बरवाडीह की सुंदरता को चार चाँद यहाँ की बेतला नेशनल टाइगर प्रोजेक्ट लगता है... जो आज पुरे देश में  काफी फेमस है यहाँ टाइगर, हाथी ,हिरण  और भी कई जानवर देखने को मिलते है.  अगर आप बेतला जाये तो दो चीज जरूर देखे पहला बेतला नेशनल टाइगर प्रोजेक्ट और दूसरा पलामू किला।  यहाँ के पलामू किल्ला काफी फेमस है  यहाँ पर दो किल्ला है एक  पुरानी किल्ला है जो की   वहा के  राजा  Raksel dynasty ने बनवाया था।  और दूसरा किल्ला   जो की राजा मेदनी राज जी ने बनवाया था. और बरवाडीह का रेलवे क्लब का मैदान आज भी फेमस है फूटबाल मैच के लिए। 

बरवाडीह की आज की कुछ जरुरत है वो.... यहाँ  स्वस्थ के क्षेत्र में मल्टी स्पेसिलिटी हॉस्पिटल चाहिए  , शिक्षा के क्षेत्र में आईटीआई /नर्सिंग /ग्रेजुएशन /कंप्यूटर साइंस जैसे शिक्षण इंस्टिट्यूट / कॉलेज की आवश्यकता है , बैंकिंग barwadih branch code के क्षेत्र में  यहाँ सरकारी बैंक में काफी भीड़ रहती है २-४ काउंटर और  ज्यादा  एवम  एटीएम मशीन की अति  आवश्यकता है।  और लास्ट में  मेरा आग्रह है  कि आप सभी बरवाडीह के नागरिको  से बरवाडीह को हरा भरा खुशहाल शहर के निर्माण हेतु  में आप सभीलोग पर्यावरण को बढ़ावा दे आप सभी लोग खुद के घर के पास या घर के रास्ते पर सिर्फ ५ पेड़ लगाए वो भी फल देने वाला पेड़.. जैसे आम/इमली/जामुन/कटहल/बेल  ताकी आपके शहर /गांव के लोग इसका आनंद उठा सके और एक खुशहाल बरवाडीह का अच्छा पर्यावरण निर्माण हो   । weather today barwadih और पेड़ ( वृक्ष  ) लगाने के   बाद उसकी देख भाल अवश्य करे  और ट्री गार्ड लगाए एवम  नियमित रूप से  पानी भी डाले।  बरवाडीह में एक  समय में  रेलवे कॉलोनी थी जो बहुत सुन्दर और साफ सुथरा थी, अब वो बात नहीं रही रेलवे कॉलोनी में कोई साफ सफाई पर ध्यान नहीं है? एक  समय था बाबा चौक जो काफी मशहूर था... अब बाबा चौक का वो २५ साल पहले वाला रौनक नहीं रहा बाबा चौक में।  

टेंशन/स्ट्रेस

प्रिय मित्रो एवम साथियो 
स्ट्रेस या तनाव होना सामान्य बात है। ये तब महसूस होता है जब किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हमें पसीना आता है, सनसनी महसूस होती है और कई बार पूरे शरीर के रोएं खड़े हो जाते हैं। 

 स्ट्रेस के क्या कारन है.... 
                        
 ये उप्पेर इमेजेज दिए गए है.... मुख्य कारण है।  ज्यादा  वर्क लोड ले लेना... जैसे सेल्स मार्केटिंग वाले लोग महीने के आखरी दिन स्ट्रेस फुल ज़िन्दगी जीते है.... !अगर स्ट्रेस  लंबे वक्त तक रहे तो ये हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा बाहरी बीमारियों से निपटने की हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है। 

जकल होने वाले तनाव के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं। जैसे -


  • काम
  • बेरोजगारी
  • पैसा
  • पार्टनर से ब्रेकअप
  • नौकरी में बदलाव होना
  • पार्टनर का निधन होना या करीब न होना
  • तलाक 
  • सेक्स और सेक्स से जुड़ी समस्याएं
  • नशाखोरी और ड्रिंक करना 
  • बुरी आदतों का शिकार होना 
  • सोशल मीडिया 
थोड़ी देर के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव आना बहुत आम बात है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक बनी रहे जो ये जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजों को भी खराब कर सकती है। वैसे अगर हम लम्बे समय तक स्ट्रेस्फुल लाइफ जियेंगे तो स्ट्रेस हमारे शरीर को नुकसान पंहुचा सकते है... जैसे 
  • हमारा इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
  • गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
  • उम्र कम हो जाती है। 
  • सेक्स लाइफ खराब हो सकती है।
घबराये नहीं अगर आपको स्ट्रेस फील होता है तो तुरंत ही नजदीक के डॉक्टर से संपर्क करे.. लोगो से मिले, फॅमिली मेंबर्स से बाते  करे.. खुद को ब्यस्त रखे...
और टेंशन बिलकुल न ले जो होना होगा उसे कोई ताल नहीं सकता, फिर क्यों फालतू का टेंशन आज ले कर पूरी फॅमिली लाइफ ख़राब कर देना...! मेरा सवाल है अगर हम तनाव लेकर कोई समस्या हल कर पते है क्या.... जवाब है नहीं... इसलिए हस्ते रहे, मुस्कुराते रहे ,तनाव मुक्त ज़िन्दगी जियो. 
जय हिन्द 

आपका 
राजन यादव  




                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       

















































ये काम करे... गर्मी के दिनों में


गर्मी के दिन ( समर वैकशन ) शुरू है और इसबार हम सभी लोग आपने आपने घरो में अपनी फॅमिली  और सोसिटी मित्रो के साथ है।  और इतिहास में पहली बार शायद आपने हमने इस समर वैकशन में कही बाहर  नहीं जाने का सोचे... ! खैर अच्छी बात है आपलोग   सुरक्षित है...


                                         दोस्तों क्यों न हमलोग इसबार पर्यावण के बारे में थोड़ा खुद से पहल करे... डरिये मत मई कोई ऐसा काम नहीं बताऊंगा जिससे आपको परेशानी और तकलीफ हो... बहुत ही सिम्पल और सदा काम है। 
आपको क्या करना है इसबार..... 

१ गर्मी के दिन शुरू है और आपलोग  फलो के राजा आम जरूर खा रहे होंगे , आप आम खाइये लेकिन उसका गुठली फेके नहीं एक जगह रखे। . 
२ जामुन  के बीज संभल के रखे... 
३ कटहल ( फणस ) के बीज संभल  रखे... 
४ बेल के बीज संभल के रखे... 
५ इमली का बीज संभल रखे 
अभी कुछ ही दिनों में बारिश शुरू होने वाली है... आपको सिर्फ करना ये है जब भी लॉन्ग ड्राइव पे जायेंगे तब आप उसे रोड के साइड ( बगल ) में एक एक बीज फेकते जाए। ... बाकि सब भगवन की मर्जी बारिश में जरूर वो पेड़ लग जायेंगे...
                 और नहीं  तो आपके घर के पास में ही वो बीज लगा दे ताकि आप खुद उसकी देख भाल कर सकते है... और आपको वही फल खाने का मौका भी मिल सकता है... 

हमलोग क्यों न इस बार आपने घर के पास ५-५ पेड़ लगाए... और पेड़ ऐसा लगाओ जिससे आपको और लोगो को फायदा हो... नीम /कटहल /आम /बेल का पेड़ लगाए। 

जय हिन्द


HELP TO OTHERS

प्रिय दोस्तों
आज पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा है... इससे हमारे देश पर भी काफी असर पड़ा है... और आज अर्थव्यस्था ख़राब होगयी है... !आज लॉक डाउन की वजह से कई कंपनी, फैक्ट्री, उद्योग धंधे बंद पड़  गए है।  आज देश के मजदूरों को जिनकी ज़िंदगी उस नौकरी पर टिक्की थी आज कोरोना विषाणु की वजह से सारी  फैक्ट्री बंद पड  गयी है और यातायात के सभी साधन फ़िलहाल बंद है तो मजदूर लोग फसे हुए है।  समाचार माध्यम से देखने को मिलता है कई मजदूर पैदल ही रोड ,रेल  के रस्ते चल दिए है , ऐसे में वो खुद को जोखिम में डाल रहे है... जो जहा पर है वो वही पर रुके आपको सरकार हर तरह से मदत करेंगी।  आज कई समाज सेवी संस्थाओ आगे आकर इन मजदूरों की मदत कर रहे है।  मै आप सभी लोगो से आग्रह करूँगा जितना हो सके उतना आपलोग उन गरीब मजदूर की मदत कर देना। वो मजबूर है ,वो भिखारी नहीं है... सिर्फ लॉक डाउन की वजह से वो परेशान है, जिस दिन सब कुछ नार्मल हो जाएगा , उस दिन वो खुद आपने बल बुते अपनी फॅमिली का खर्च उठा सकते है... !

  इसलिए  मै आपलोगो से प्रार्थना करता हु की जो मजदूर लोग फसे हो उनकी मदत करे... 

जय हिन्द 

सुखी दाम्पत्य जीवन के नियम

प्रिय मित्रो एवम दोस्तों
आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी और  सोशल मीडिया लाइफ में हम इतना ब्यस्त है की कभी भी अपनी फॅमिली को समय नहीं दे पा रहे है.. ! हम इतना ब्यस्त हो गए है की घर में क्या चल रहा है आपको मालूम नहीं चलता...? लेकिन बहार वाले को सब मालूम चल जाता है.. जैसे आपको बाहेर वाले के बारे में मालूम होता है।  क्यों की हम ब्यस्त है , बहुत ज्यादा ब्यस्त है इसलिए हमारे घर में क्या चल रहा है कोई खबर नहीं ? आजकल कितने बार समाचार के माध्यम से मालूम चलता है पति पत्नी का तलाक हो गया , किसी किसी का पति पत्नी को आपस में बनता नहीं है ? ऐसे में कई बार पिता पुत्र में संवाद नहीं , पर ऐसा क्यों होता है कभी सोचा है...? क्यों की आपसी  संवाद ( बातचीत)  की कमी होती है? पति को पत्नी से बात करने का टाइम नहीं है.., तो पत्नी को पति से बात करने का समय नहीं  है? लेकिन सोशल मीडिया पर दोनों ब्यस्त है। कई बार तो देखा गया है ऑफिस का टेंशन घर पे लेकर आजाते है और घरवाले पर सारा गुस्सा निकाल देते है? इससे दांपत्य जीवन में काफी तनाव निर्माण हो जाता है..? कई बार देखा  गया है एक पिता जैसे ही घर पे आता है और उनके बच्चे आकर लिपट जाते है.. तो बाप चिल्लाने लगता है, उस बच्चे को झकझोर देता है? लेकिन ये वही पिता जब दूसरे के बच्चे मिलते है तो बहुत लाड प्यार से उनको उठाते है यहाँ तक की कईबार चॉकलेट भी देते है... लेकिन खुद के बच्चे को कभी एक चॉकलेट नहीं देते है...? ऐसा  आखिर क्यों... क्यों...? 

एक कहावत है सांप  दिन भर टेढ़ी चाल चलता है , लेकिन जब शाम को  बिल में घुसता है तो सीधा घुसता है. और यहाँ ल्टा होता है इंसान दिन भर सीधी चाल चलता है लेकिन जब शाम को घर में  घुसता है तो टेढ़ी चाल चलता है..!


आज यही कारणं है की लोगो को पारिवारिक सुख नहीं मिल पा रहा है..! लोगो को खुद की सोच बदलनी पड़ेंगी। तब  जाकर एक सुखद दाम्पत्य जीवन जी सकते है।  इसके लिए संवाद बहुत जरुरी है  कईबार पति पत्नी में बातचीत बंद रहती है.. लेकिन सिर्फ पहल कौन करे इसमें देरी हो जाती है... पति सोचता है पहले पत्नी आगे आकर बोले.. और पत्नी सोचती है की पहले पति आकर बात करे....?

                          इसके लिए कुछ चीजे अवॉयड ( नज़रअंदाज करे) ..और कुछ ये तरीका आपनाये .... 

१ संवाद कायम रखे , मुँह फुलाकर बैठे नहीं... 
२ ऑफिस का काम ऑफिस में ही रखे... 
३ ऑफिस से घर आने पर घर की ही बात, प्यार भरी बाते  करे.... 
४ खासकर महिलाये रात्री भोजन के  समय या विश्रांति के  समय ऐसी कोई भी बात  न करे की पति को टेंशन हो जाये और वो बेचारा रात को सही से सो न  पाये। जो भी बाते हो  ऐसी कोई बाते  हो दिन में करे और मिल बाट कर  हल निकले.. 
५ सोशल मीडिया से बचे...  थोड़ा लिमिट  में ही उसका उपयोग करे... 
६ जब घर के सभी फॅमिली एक साथ हो तो कृपया  कर के सोशल मीडिया ऑफ कर दे..बंद करदे . 
७ कोई भी सन्देश देना हो परिवार को तो फ़ोन कर दे, न की सोशल मीडिया के माध्यम से सन्देश पहुचाये... 
८ घर के बच्चे से नियमित संवाद करे बाते  करे पूछे उनका स्कूल क्लासेस के बारे में कैसा चल रहा है.. 
९ ऑफिस से घर आते है तो खुद के बच्चे और फॅमिली के लिए कुछ स्वीट लेकर आये ताकि वो खुश हो जाये.. 
१० एक दूसरे की भावना को क़द्र करे... उनकी भी सुने... क्यों की बहुत सी महिलाये हाउस वाइफ होती है , हम काम कर के आते है घर लेकिन कभी उनकी हाल चाल  नहीं पूछते... वो बेचारी किससे आपने दुःख शेयर करे...?
११ इसलिए मै  वापिस बोल रहा हु संवाद बहुत जरुरी है इस जीवन में। 
१२ फॅमिली मेंबर को भी थैंक्स बोले जैसे की आप बाहेर वाले को बोलते हो...
१३ जीवन में घर वाली /घर वाला ही आपको साथ देगा.... न की सोशल मीडिया।

स्वस्थ रहे मस्त रहे 


लॉक डाउन का पालन करे...


आज देश में लॉक डाउन है ,क्यों की पुरे विश्व में कोरोना विषाणु का कहर है , इस लिए सरकार बार बार आपको अपने घरो में रहने के लिए बोल रही है।  फिर भी कुछ लोग है जो रोड पर घूमते हुए नज़र आते है , ऐसे रोज समाचार के माध्यम से मालूम चल रहा  है... 
                                                    आप  जरा ध्यान से सोचे सरकार आपको क्यों बोल रही है घरो में रहो...? अभी भी कई  लोग इस महामारी कोरोना के विषाणु को सीरियस नहीं ले रहे है? आप लोग रोज समाचार के माध्यम से देख रहे है कितने लोग इस महामारी से जूझ रहे है... इसका इलाज फ़िलहाल सोशल डिस्टन्सिंग और स्वछता  ही है , आपको खुद से बचाना है और पुरे परिवार को बचाना है। 
                                                  समाचार के माध्यम से मालूम चल रहे है की आज कल कुछ अनपढ़ लोग हमारे स्वास्थ कर्मियों पर हमला कर रहे है, कही पर पुलिस वाले पर हमला कर रहे है....? पर ऐसा क्यों कर रहे है ये लोग क्या इनकी मानसिकता है समझ में नहीं आ रहा है..? ये डॉक्टर्स, नर्स, आशा बहन , आंगनवाड़ी सेविका ये लोग किसके लिए कर रही है जांच ?  किसके लिए घर घर जा कर जानकारी हासिल कर रही है..! कभी सोचा है..? क्या ये डॉक्टर्स ,नर्स, आशा वर्कर ,आंगनबाड़ी सेविका क्या इनकी फॅमिली नहीं है...? क्या इनको कोरोना का खतरा नहीं है...? क्या पुलिस वाले की फॅमिली नहीं है जो दिन रात ड्यूटी कर रहे है? क्या जो इस समय इमरजेंसी सेवा में लगे है प्रशाशनिक अधिकारी किसके लिए... ये सभी लोग रात दिन एक कर के काम कर रहे है की आप / हमलोग सुरखित रहे , इस लिए ये लोग देश की सेवा में जुटे है।  अगर कल के जो लोग डॉक्टर्स नर्सेस पर हमला कर रहे है... अगर ये लोग ( डॉक्टर्स नर्स ) उनलोगो ( हमला करने वाले लोग) का इलाज करना बंद कर देंगे तो क्या आप बच जाओगे...?कभी सोचा है? पर हमारे डॉक्टर्स कभी ऐसा नहीं सोचते सभी का इलाज करते है। 
अभी भी समय है आपलोग जो लोग लॉक डाउन का पालन नहीं कर रहे है आज से करो और घर पर ही रहो... , इधर उधर न जाये... अगर  इमरजेंसी हो तो ही घर से बहार निकालो वो भी मास्क लगा कर ।  हा  मै  समझ सकता हु की आपलोगो की आदत नहीं है घर में रहने को... लेकिन सच कहु बहुत ही अच्छा मौका है की ये यादगार पल फॅमिली के साथ  बिताये।  लॉक डाउन  खुलेंगे  तो आप खुद ही  बहार निकालेंगे काम पर.. फिर कहा आप  समय दे पाएंगे  अपनी फॅमिली को..? फिर से शिकायत का सिलसिला सुरु होजाएंगे। . इस लिए ये पल समय पूरा फॅमिली को दे। 
मै वापिस हाथ 🙏 जोड़कर कहता हु घर पर रहे और सुरक्षित रहे। 
जय हिन्द 

इंटरव्यू की तैयारी कैसे करे

फार्मा फील्ड में इंटरव्यू की तैयारी कैसे करे.... 

प्रिय मित्रो 
मैंने कई बार देखा है फार्मा फील्ड में जब भी वाक इंटरव्यू के लिए कैंडिडेट आते है वो बहुतांश कैज़ुअल आते है , कोई जॉब इंटरव्यू के लिए  गभीर नहीं होता? सिर्फ सोचते है चलो इंटरव्यू दे देते है।  लेकिन ध्यान रहे अगर सच में आपको फार्मा मार्केटिंग में जॉब चाहिए तो उसके लिए क्या क्या तैयारी करनी है  वो मै कुछ पॉइंट शेयर करता हु / बताता हु... 

१ इंटरव्यू देने के टाइम के ३० मिनट पहले  इंटरव्यू हॉल /होटल पर पहुंच जाये और खुद को रिलैक्स करे... 
२ ड्रेस वेल मैचिंग होनी चाहिए... लड़को को सफ़ेद शर्ट , ब्लैक पेंट और टाई... एंड लड़किया भी पेंट शर्ट ,लेडीज शूट  को  पहन सकती है.  . , शूज  साफ सुथरा पॉलिस लगा होना चाहिए.. 
३ रिज्यूम और जॉब एप्लीकेशन हार्ड कॉपी/ प्रिंट आउट  अपने पास रखे... 
४ जॉब एप्लीकेशन हैंड रिटेन ( हाथ से लिखा) होना चाहिए... 
५ इंटरव्यू में कोशिश करे १००% इंग्लिश में बात करे.... 
६ इंटरव्यू में आपको  आपकी फॅमिली बैकग्राउंड & आपका एजुकेशन के बारे में पूछेंगे तो आराम से बताना... 
७ अगर आप साइंस स्टूडेंट हो तो बॉडी सिस्टम के बारे में पूछेंगे... 
८ आपका गोल क्या है..... ?
९ क्यों आप इस प्रोफेशन में ज्वाइन करना चाहते हो...?
१० इंटरव्यू जाने के पहले कंपनी का ब्रीफ में जानकारी ले लेना... आज कल सभी चीजे गूगल पर मिलती है वो भी मुफ्त.... 
११ अगर फार्मेसी विधार्थी हो तो फर्मासुइटिक्स के बारे में थोड़ा देख लेना जैसे... व्हाट इस द  ड्रग्स? फार्माकोकिनेटिक / हाफ लाइफ ऑफ़ ड्रग्स../ इत्यादि। 
१२ इंटरव्यू के दौरान वॉइस मॉडुलेशन ( आपकी आवाज या  साउंड एक लेवल पर रखना) 
१३ ऑय कॉन्टैक्ट बनाये रखना 
१४ मोबाइल फ़ोन साइलेंट मोड पर रखना... 
१५  चहरे पर हमेशा स्माइल रखना... 
१६ पूछेंगे सैलरी क्या एक्सपेक्ट कर रहे हो...? अगर फ्रेशर हो तो बोलना ऐस  पैर कंपनी नॉर्म जो आप ऑफर करेंगे और अगर एक्सप्रिएंस हो तो १०-२० % तक आप बार्गेनिंग कर सकते है,वो भी आपकी पिछली कंपनी के परफॉरमेंस बेस पर... 

उप्पेर दिए गए बातो पर ध्यान देंगे तो आप जरूर सफल होंगे.. 

आल द  बेस्ट 

आपका 
राजन यादव 

Why Are Juniors Today Becoming Their Seniors?

  Why Are Juniors Today Becoming Their Seniors?    In today's fast- paced world, one surprising trend is reshaping the traditional pla...