मजदूर और महाराष्ट्र दिवस


हर साल 1 मई के दिन महाराष्ट्र के लोग अपने राज्य में महाराष्ट्र दिवस मनाते हैं. इस दिन साल 1960 में महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई थी और इस राज्य को भारत देश के एक राज्य के रूप में पहचान मिली थी.


महाराष्ट्र दिवस के दिन को खास बनाने के लिए यहां की राज्य सरकार द्वारा  कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं. इस दिन को विशेष बनाने के लिए राज्य सरकार कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें मराठी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इसके अलावा इस दिन राज्य सरकार द्वारा एक परेड भी निकाली जाती है. लेकिन इस साल कोरोना की वजह से फीका पड़ जाएगा। और आज ही के दिन पूरा विश्व मजदूर दिवस भी मनाता है। 

आज देश में सबसे ज्यादा अगर कोई  प्रभावित  है तो वो है मजदूर लोग क्यों की आज लॉक डाउन की वजह से ज्यादा से ज्यादा फैक्टरी ,उध्योग धंधे बंद पड़े हुए है. आज  जरुरत है  सरकार को  इन लोगो के  रोजगार का प्रबंध करे।  मजदूर का मतलब ये नहीं की वो एक गरीब व्यक्ति बल्की वो भी कर्मचारी जो किसी संस्था में काम करता है , और उसके लिए उसे पैसा मिलता है वो भी  मजदूर है। मजदूर दिवस को पहली बार भारत में मद्रास  में 1 मई 1923 को मनाया गया था, इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदूस्तान ने की थी. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था इस बार दोनों त्यौहार महारष्ट्र दिवस एवम मजदूर दिवस हम लोग इकट्ठे नहीं माना पाएंगे क्यों की कोरोना का खतरा ज्यादा है. इस लिए घर पे रहे स्वस्थ रहे। 
जय हिंद 

Is Your 10 to 5 Job a Modern Jail?

Is Your 10 to 5 Job a Modern Jail? आजकल की ज़्यादातर नौकरियाँ एक जेल जैसी लगती हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक एक ही रूटीन, वही काम, वही तन...