हम सभी जानते हैं कि हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और पुरुष-प्रधान देश है।
आज जहाँ महिलाओ को सम्मान दिया जाता है वहाँ साक्षात् देवी लक्ष्मी निवास करती हैं ऐसा हमारे पूर्वज बुद्धिजीवी लोगो ने कहा है। जिस घर में स्त्री /महिला खुश होती है उस घर में साक्षात देवी रहती है। आज हम बात करेगे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान” की हमें जरुरत क्यों पड़ी, ऐसा क्या हुआ होगा कि भारत जैसे देश में दिन-प्रतिदिन बेटियों की स्थिति खराब होती जा रही हैं, उनके साथ उन्हीं के जन्मदाता भेदभाव कर रहे हैं। वह सोचते हैं कि बेटियां तो पराई-धन होती हैं उनकी कैसे भी जल्दी से जल्दी शादी करा दो और उनको पढ़ाने-लिखाने का कोई फायदा नहीं होगा।
आज जहाँ महिलाओ को सम्मान दिया जाता है वहाँ साक्षात् देवी लक्ष्मी निवास करती हैं ऐसा हमारे पूर्वज बुद्धिजीवी लोगो ने कहा है। जिस घर में स्त्री /महिला खुश होती है उस घर में साक्षात देवी रहती है। आज हम बात करेगे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान” की हमें जरुरत क्यों पड़ी, ऐसा क्या हुआ होगा कि भारत जैसे देश में दिन-प्रतिदिन बेटियों की स्थिति खराब होती जा रही हैं, उनके साथ उन्हीं के जन्मदाता भेदभाव कर रहे हैं। वह सोचते हैं कि बेटियां तो पराई-धन होती हैं उनकी कैसे भी जल्दी से जल्दी शादी करा दो और उनको पढ़ाने-लिखाने का कोई फायदा नहीं होगा।
लेकिन आज भी हर पुरुष को एक जीवनसाथी चाहिए, गर्लफ्रेंड चाहिए, माँ चाहिए ,बहन चाहिए.... फिर घर में बेटी क्यों नहीं...? क्यों ऐसी घटिया सोच अपनी दिमाग में रखे है...! आज हमारे देश का जन्म अनुपात 900 लड़की है जहा 1000 लड़का जन्म लेते है ये 2013-2015 के अकड़े है .देश में लगातार घटती कन्या शिशु-दर को संतुलित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी। किसी भी देश के लिए मानवीय संसाधन के रुप में स्त्री और पुरुष दोनों एक समान रुप से महत्वपूर्ण होते है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ केवल एक योजना या अभियान नहीं है। यह लोगो की सोच से जुड़ा सामाजिक विषय है। हमें इसके पीछे छिपी लोगों की गलत सोच को बदलना है, जो कि कठीन कार्य है। ईश्वर के बाद केवल महिलाओं के पास सृजन की क्षमता है।
जरा सोचिये की इस देश में महिलाये न होती तो.. माजरा कैसा होता ? केवल कल्पना करने की जरूरत है। तस्वीर खुद-ब-खुद साफ हो जायेगी। ऐसा कोई काम नहीं, जो लड़कियां नहीं कर सकती। वो भी देश की प्रगति में समान रुप से भागीदार है। इंदिरा गांधी से लेकर कल्पना चावला तक ऐसे लाखों नाम हैं, जिन्होने देश का नाम रौशन किया है।
आज हमारे देश में। .....
१ पुरुष की तुलना में महिलाये/ लड़किया ज्यादा ईमानदार होती है
२ शिक्षा के क्षेत्र में लड़किया ज्यादा नाम कर रही है
३ आज भारत की लड़किया खेलो में भी अपना जलवा दिखा रही है
इसलिए मै सभी देश के पुरुषो से आग्रह करता हु की घर में बेटी हो या बेटा दोनों को एक सामान देखे और और जितना उम्मीद आप बेटो पर करते है उससे ज्यादा उम्मीद बेटी पर कर के देखिये .... क्यों की रोज रोज आप सुनते होंगे नए नए ओल्डऐज होम ( वृद्धा आश्रम ) खुल रहे है क्यों की ये वही बेटा है जिसके लिए आप बेटी को इस धरती पर नहीं आने दिया ! जरा सोच को बदलिये बेटी है तो सुन्दर धरती है।
जय हिन्द
आपका
राजन यादव