महिलाओं में बढ़ रही बवासीर की समस्या क्यों? कारण, लक्षण और बचाव
बवासीर में गुदा में आसाहनीय दर्द होता है। इसके अलावा सिनोवियम से खून के थक्के और सूजन आ जाती है।
आम तौर पर यह माना जाता है कि बवासीर या बवासीर की बीमारी पुरुषों में ही ज्यादा होती है लेकिन मौजूदा दौर में बवासीर की बीमारी महिलाओं में भी बढ़ने लगती है। बवासीर को मेडिकल टर्म में हेमोरॉयड्स (बवासीर) भी कहा जाता है।
पाइल्स का कारण क्या हैः कई कारणों से पाइल्स हो सकता है। कुछ में यह समझौता भी होता है जबकि ज्यादातर मामलों में जंक फूड का अधिक सेवन, चुने हुए खाना, कब्ज, अधिक वजन उठाना, प्रेग्नेंसी, व्यायाम नहीं करना, तनाव आदि के कारण भी बवासीर होता है। पाइल्स की परेशानी में अगर खान-पान दुरुस्त नहीं रहता है तो परेशानी बढ़ सकती है।
पाइल्स के लक्षण क्या हैं: पाइल्स की इस बीमारी में गठिया मार्ग में झागदार दर्द होता है। इसके अलावा श्लेष से रक्त यौगिक होता है और सूजन हो जाती है। अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बवासीर का इलाज क्या हैः बवासीर की बीमारी का इलाज अरबों से किया जा सकता है। लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव पाइल्स के लक्षणों को कम करने में असरदार साबित होता है। पाइल्स की परेशानी बढ़ने पर ज्यादातर ममामलों में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती। सर्जरी के लिए लेजर हैमरॉयड प्लास्टिसी जरूरी है। यह दर्द रहित, सुरक्षित और बहुत कम समय में होने वाली सर्जरी है।
पाइल्स को कम करने के लिए क्या करेंः पाइल्स की परेशानी में इस तरह की चीजें खानी को चाहिए जिससे वह धीरे-धीरे सॉफ्ट बने ताकि मल द्वारा की नसों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े, साथ ही कब्ज से दूर रहे। ऐसे में फाइबर युक्त, यानी हरे पोषक तत्व होते हैं।
इसके अलावा जो चीजें बवासीर के लिए नुकसानदेह हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए। जंक फूड, तेल, मसाला, कैंडी फूड आदि से परहेज जरूरी है। बवासीर के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉयड क्रीम लगाने के लिए देते हैं जो सूजन और दर्द को कम करता है।
क्या खाना चाहिएः पाइल्स की बीमारी में हरी त्वचा वाले एलर्जी के सेवन से ज्यादा नुकसान होता है। इसके अलावा बींस, गोभी, चिकपीज, पालक, केला, जेई, जूस, कॉर्न, स्ट्रॉबेरी, बादाम, अंगूर के दाने, एवोकाडो बवासीर के लक्षण कम करने में मदद करते हैं।