शराब VS भूख

शराब  VS  भूख   : आज लॉक डाउन ३.० शुरू है और देश में तकरीबन ४० दिनों के बाद शराब /दारू/मधपान  की बिक्री शुरू करने का आदेश मिल चूका है एरिया वाइज और समय के  साथ कुछ नियम भी बताये गए है।
लेकिन आज समाचार के माध्यम से पता चलता है की लोग शराब लेने  कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते ? .  इससे कोरोना वायरस का बढ़ाने का ज्यादा खतरा दिखता है !

आज जिस तरह ये लोग शराब खरीदने लिए खुद को और आपने परिवार को  कोरोना  विषाणु के धोखे में  डाल रहे है इससे यही लगता है की इनको शराब ज्यादा जरुरी है न की ज़िन्दगी !
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आज देश में दो तरह की तस्वीर दिखाई देगी एक शराब खरीदने के लिए लाइन और दूसरी  तस्वीर मजदूरों को रोजी रोटी के लिए दर बदर भटकने  की तस्वीर/ लॉक डाउन में घर जाने के लिए पैदल चलते हुए अपने गांव की तरफ जाना... 


ये उप्परयो तस्वीर देख रहे है ये वो लोग है जो अपनी ज़िन्दगी बचने और भूख मिटाने के लिए अपने गांव की  तरफ पैदल मार्च करते हुए। 

आज मुझे एक बात समझ में आगयी शराब चाहे कितनी भी महंगी क्यों न हो जाये पिने वाले जरूर ही पियेंगे , जैसे दिल्ली की सरकार ने  ७०% ज्यादा कीमत पर शराब  बेच रही है और लोग लम्बी  लाइन लगा कर शराब खरीद रहे है. और अगर शराब की जगह खाने पीने की सामान या पेट्रोल-डीज़ल  पर रु बढ़  जाये तो देखो यही लोग जो आज ७०% जयादा कीमत पर शराब खरीद रहे है सबसे पहले विरोध करेंगे और बोलेंगे देखो कैसी सरकार है ... ?
एक तरफ देश में पेट की भूख के लिए लड़ रहे है तो दूसरी तरफ आज लोग शराब की दो घूट ..  खरीदने के लिए ! आज  एक बात समझ में आ गयी शराब की दुकान पर जो भीड़ है वो देख कर  की अगर देश के हर नागरिक जाहे तो   एक -दो  मजदूर भाइयो को खाने का इंतजाम किये होते तो शायद ये मजदूर लोग अपने गांव की तरफ नहीं जाते ? जिससे कई फायदा होते...उस राज्य सरकार को...  
१ जो मजदूर जहा है वही रहते और उस शरह की औधगिक काम फिर से शुरू हो जाती और कंपनी के मालिकों   को लेबर प्रॉब्लम नहीं होता ।
२ मजदूर को गांव नहीं जाने से उन मजदूर के  गांव में भी कोरोना से सुरक्षित रहता 
३ मजदूर को गांव नहीं जाने से भारत सरकार का  रेल  किराया बचा होता जो आज सरकार चूका रही है 
४ क्यों की आज ऑरेंज  ग्रीन जोन में कई कल कारखाने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम शुरू हो रहे है। 
५ ये मजदूर अगर गांव भी जायँगे तो वह खाने का प्रॉब्लम  आने वाला है क्यों की वहा  भी उनको रोजगार नहीं है। 

इस लिए अगर आपसे जितना हो सके आप जरूर उन मजदूर को मदत कीजिये , आज यही मजदूर आपके शहर का रोड ,नाली ,बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम में आपके  राज्य को मदत पहुंचते है। सिर्फ भूख के लिए घर छोड़ कर दूसरे राज्यों में जाते है। 

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